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दैवदुर्विपाकदैवदुर्विपाक दैवदुर्विपाक /daiva-durvipāka/ m. коварство судьбы

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निर्भय, लहरि, पुण्ड्र, द्विःसम, आघ्रा, महादेव, पीनस, प्रतिकाश, सदस्पति, शीघ्रता, ह्रस्वता, समुद्रज, तडिन्माला, पण्ययोषित्, भागिनेय, युध्म, वेदन, धूसरित, उपोषित, जलार्द्र, स्रक्त्य, संक्रन्दन, शंस्, मन्थ्, प्रदीपक, दयालु, विश्वेश्वर, ज्येष्ठा, विवर्धन, ईर्, तुर, सुबहु, वामलोचन, धन्वन्तर, जहित, अनाथ, दू°, गोव्रज, उपानह्, शाठ्यवन्त्, राजि, परिछन्न, अन्यथाप्रथा, गल्ल, आन्ध्र, उत्स्मि, प्रतिपादिक, विरुत, सुषोम, धर्मचक्र, कुल्य, निस्तर्, गुङ्गु, स्वर्गगामिन्, माल्य, तापस्य, द्वेष्टर्, मन्दभाग्य, वधर्, अनुप्रच्यु, ज्ञातिमन्त्, तनूनपात्, करुणध्वनि, रेपस्, परिस्था, सहचर, सत्कार, लीलाभरण, कण्ठ्, पुरोऽनुवाक्या, सुकुमारत्व, उल्लेखन, अनर्व, आनति, पौलोमी, केश, संनम्, तरु, मैनाल, °अक्ष, देवकी, मौघ्य, धावक, शत्य, संधारणा, सव्यथ, यावदन्ताय, काश्यप, बर्ह्, प्रतिद्वीपम्, अधिसंवर्त्, लोकमय, नियोक्तर्, चारिन्, उपछद्, नरायण, सकललोक, होतृषदन, शूरता, वार्त्रघ्न, द्रष्टर्, शत्रुषह्, सर्वव्रत, दासवर्ग, भन्द्, संलिख्, कामग, धातुसमास, निदाघकर, तेजस्वन्त्, वर्षशतवृत्त, गृहिणी, अनभिज्ञ, गुणवत्ता, वेट्, क्रिमिज, मध्यरात्र, जूर्व्, चञ्चा, अभियुज्, प्रतियुज्, वसुमय, तैक्ष्ण्य, तिरोभाव, संक्षालन, स्परण, द्वेधा, ईक्षित, वृष्, नलिन, द्वितीयांश, पात्रय, प्रकम्प, दुरवगाह, नितर्, महाप्रमाण, संदिग्धबुद्धि, सिद्धाश्रम, अनिर्भिन्न, प्रयत्, रावण, भाण्डावकाशद, किर्मिर, अपमार्जन, सामवेद, शोभक, बुभुक्षित, द्विरात्र, अनुकर, प्रार्थक, मृगेक्षणा, अकृत्स्न, समाद्रु, आत्मसंस्थ, पुषय्, सदुःख, होत्रक, ग्रामणी, बहुविध, एनोस्, तपस्य, मृषा, शम्या, शुकी, हस्तस्थ, ओजीयंस्, वराट, अविदित, भग्न, प्रतिनी, अनुकीर्तन, रिक्थभागिन्, ग्रहण, अभिनिविश्, भोजनार्थिन्, खोर, प्रतिवह्, पृथक्पद, कुलनारी, द्युनिश्, वलि, प्रत्यासत्ति, ऋषभ, प्रतिबोध, तुहिन, श्वशुर, निरीक्ष्, मृणालसूत्र, समर्य, परिग्रहण, सुसमिद्ध, विगाह, धनस्वामिन्, दुर्गह, अभित्यक्त, अवनह्, ब्रह्मसव, अविकृत, विदल्, करग्रह, उष्, काच, अपवारितम्, चिकुर, मदावन्त्, वास्तु, पातित्य |
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